संसद की सुरक्षा में चूक को लेकर हम सभी चिंतित: ओम बिरला

बुधवार को लोकसभा में स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि कल (13 दिसंबर) की घटना को लेकर हम सब चिंतित हैं। बता दे कि संसद में हुई चूक को लेकर आज विपक्षी सासंद हंगामा कर रहे हैं।

आठ कर्मचारी निलंबित

लोकसभा सचिवालय ने कल की सुरक्षा चूक की घटना के लिए आठ सुरक्षा कर्मियों को निलंबित कर दिया।

मकर द्वार से केवल सांसदों को ही संसद भवन में प्रवेश की अनुमति,13 दिसंबर को सुरक्षा चूक की घटना के बाद संसद में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। मकर द्वार से केवल सांसदों को ही संसद भवन में प्रवेश की अनुमति दी जा रही है और भवन में प्रवेश करने वाले सभी व्यक्तियों के जूते उतरवाकर भी उनकी गहन जांच की जा रही है।

23 साल पहले हुई घटना से हमने क्या सीखा: प्रियंका चतुर्वेदी

संसद की सुरक्षा पर उल्लंघन को लेकर शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी कहती हैं, “यह एक गंभीर सुरक्षा उल्लंघन है और देश के लिए शर्मनाक है…गृह मंत्री अमित शाह को स्पष्टीकरण देना चाहिए… 22 साल पहले हुई घटना से हमने क्या सीखा?”

इस घटना पर सरकार चुप क्यों: अधीर रंजन चौधरी

संसद भवन की सुरक्षा में हुई चूक को लेकर कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा,”इतनी बड़ी घटना हो गई लेकिन, प्रधानमंत्री और गृह मंत्री खामोश क्यों है। इस घटना पर चर्चा होनी चाहिए।”

आरोपी सागर के मामा ने कहा- मेरे भांजे को फंसाया गया

संसद में बवाल मचाने वाले आरोपी सागर के मामा ने अपनी प्रतिक्रिया साझा करते हुए कहा, सागर को किसी बड़े पद पर बैठे व्यक्ति ने साजिश के तहत इस मामले में फंसाया है।

संसद भवन में सुरक्षा चूक को लेकर गुरुवार को शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने कहा,”अगर संसद भवन में सुरक्षा उल्लंघन हो सकता है तो आप देश की सीमा पर स्थिति को समझ सकते हैं। देश को कल समझ आ गया होगा कि चीन की सेना लद्दाख में कैसे घुसी। कैसे पाकिस्तान से घुसपैठिए कश्मीर में प्रवेश करते हैं और आतंकवादी मणिपुर में कैसे आए।

संजय राउत ने आगे कहा,”हमारे संसद भवन में सबसे मजबूत सुरक्षा व्यवस्था है, लेकिन कुछ लोग सदन में घुस गए और हंगामा कर दिया। पीएम और गृह मंत्री चुप हैं।

आरोपी ललित को लेकर पुलिस ने साझा की जानकारी

संसद की सुरक्षा में चूक के मामले में एक बड़ी जानकारी सामने आई है। जानकारी के मुताबिक, संसद भवन में पांच आरोपी आए थे। नीलम, मनोरंजन, सागर, अनमोल शिंदे और ललित झा। चारों आरोपियों ने अपने फोन ललित झा को सौंपे थे। वहीं, ललित झा ने चारों आरोपियों द्वारा संसद में हंगामा करने के बाद घटना का एक वीडियो बनाकर उसने एनजीओ पार्टनर को भेजा था।

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