मध्य प्रदेश : रेत माफियाओं को पुलिस कर्मियों का संरक्षण, रात भर हो रही बालू की चोरी

इन दिनों रेत का अवैध कारोबार जमकर फल फूल रहा है, खनिज विभाग अवैध उत्खनन पर अंकुश लगाने में नाकामयाब साबित हुआ, तो पुलिस विभाग ने रेत के अवैध उत्खनन और परिवहन को हरी झंडी दे दी। सोहागपुर थाने में बीट प्रभारी और थाना प्रभारी के सह पर अवैध उत्खनन और परिवहन तेजी से चल रहा है।

खाकी वर्दी का खौफ पूरी तरह समाप्त हो गया है। खाकी वर्दी के नाक के नीचे शहर में काले कारोबार जमकर फल फूल रहे हैं, थाना प्रभारी की निरंकुश्ता की कहानी माफियाओं के मुंह से बड़े चाव के साथ सुनने को मिल रही है। थाना क्षेत्र अंतर्गत माफिया थाना प्रभारी की कार्यप्रणाली पर सवालिया निसान खड़े करते चले जा रहे हैं। निरंकुश हो चली सोहागपुर पुलिस पर प्रभारी नहीं बीट प्रभारी का जलजला बरकरार है। नरवार क्षेत्र में सोन नदी के घाट से रेत का अवैध उत्खनन जारी है। वही सहायक उपनिरीक्षक के संरक्षण में रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन जारी है। जिस पर अंकुश लगाना थाना प्रभारी के बस में नहीं है।

फेल हुए आचार संहिता के नियम-

सूत्र बताते हैं कि थाना क्षेत्र अंतर्गत इतना प्रभावशील है कि आचार संहिता के नियम और कानून धरे के धरे रह गए। थाना क्षेत्र अंतर्गत आचार संहिता के कानून कागज में सिमट कर रह गए हैं। स्थितियां यह है कि नरवार घाट में देर रात तक अवैध उत्खनन देर रात तक जारी रहता है और क्षेत्र भर में ट्रैक्टर और वाहनों की आवाजाही लगातार बनी रहती है जबकि आचार संहिता के नियम अनुसार रात्रि के समय अवैध उत्खनन परिवहन पर पूरी तरह रोक लगाई जानी चाहिए। किंतु आचार संहिता का लाभ उठाते हुए बीट प्रभारी ने अवैध उत्खनन और परिवहन को संरक्षण दे रखा है जिससे क्षेत्र में रेत का अवैध कारोबार तेजी से फैल रहा है जिस पर पुलिस अंकुश लगाने में नाकामयाब साबित हो गई है। मिली जानकारी के अनुसार मतदान की तिथि तक तो अवैध कारोबार कुछ काम हो रहा था लेकिन मतदान के उपरांत दूसरे दिन से ही अवैध कारोबारी सक्रिय हो चुके हैं। सूत्रों बताते हैं कि अवैध कारोबार में कई अपराधिक तत्व के लोग भी शामिल हैं। अपराधिक प्रवृत्ति के लोगों के संरक्षण में रेत का अवैध कारोबार पनप रहा है।

रेत माफियाओं पर कार्यवाही करने के बजाय असमर्थता का रोना रो रहे हैं प्रभारी

बताया जाता है कि जब थाने में नए प्रभारी की पदस्थापना हुई तब ऐसा लगा मानो अब अवैध कारोबार पर पूरी तरह से लगाम लग जाएगा लेकिन क्षेत्र में अवैध कारोबार को और अत्यधिक बढ़ा दिया गया है।

ऐसा भी नहीं है की बालू का अवैध कारोबार सिर्फ नरवार ग्राम में हो रहा है बल्कि पटॉसी एवं रोहनिया क्षेत्र में भी दिन-रात रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है पुलिस सोशल मीडिया समाचार पत्र और जमीनी हकीकत में एक मजाक बनकर रह गई है। पुलिस की निरंकुश्ता अपराधियों के मनोबल को ऊपर उठा रही है जिससे अपराध निरंकुश होते चले जा रहे हैं ।

इन घाटो पर रेत माफिया सक्रिय माफिया

क्षेत्र की जीवन दायिनी कही जाने वाली सोन नदी मे संचालित रेत खदानो का टेंडर खत्म होते ही रेत माफियाओ की अचानक बाढ़ सी आ गयी जिसके कारण दिन-रात सोन नदी समेत दर्जनो ऐसे घाट है जिनसे अवैध रेत का उत्खनन कर जीवन दायनी नदी के सीने को कुछ पुलिसकर्मी की सहभागिता से छलनी किया जा रहा और चोरी की रेत को 5000/- रुपए प्रति ट्राली की दर से क्षेत्र के जरूरतमंदो एवं ग्राम पंचायतो मे खपाया जा रहा।जन चर्चा के मुताबिक यदि रात ड्यूटी मे तैनात बीट गार्डो एवं पुलिस आरक्षको के मोबाईल नंबर की जाँच की जाए तो कही रेत माफियाओ के साथ गुटुर गू करने वाले नौकरशाहो के चेहरे बेनकाब हो जाएगें और ढोल के अंदर पोल की कहावत सच होते देर नही लगेगी।

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