राकेश कुमार
आरा – भोजपुर के जगदीशपुर नगर में प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के नायक वीर कुंवर सिंह के खानदान से जुड़े कुंवर रोहित सिंह उर्फ बबलू की मौत से जुडे मामले का पुलिस ने उद्भेदन कर लिया। इस मामले में पुलिस ने सीआईएटी के तीन जवानों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। वही मामले में नामजद कुक ने पुलिसिया दबिश के कारण कोर्ट में समर्पण कर दिया। इस संबंध में एसपी विनय तिवारी ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 29 मार्च को जगदीशपुर निवासी कुंवर रोहित सिंह उर्फ बबलू की मौत हो गई थी। इस मामले में मृतक की मां जगदीशपुर के वीर कुंवर सिंह कोठी गढ़ पर निवासी स्व. कुंवर विजय सिंह की पत्नी पुष्पा सिंह द्वारा जगदीशपुर थाना में किले पर तैनात सीआईएटी के तीन जवान तथा उनके कुक जगदीशपुर वार्ड नंबर-14 कसाब मोहल्ला निवासी सद्दाम उर्फ इदरीसी उर्फ गोंडा के विरुद्ध हत्या का एफआईआर दर्ज कराया गया था। एसपी ने बताया की पुलिस ने इस मामले को काफी चुनौतीपूर्ण लिया था। मामले की गंभीरता से जांच कराने के लिए पीरो अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी राहुल सिंह के नेतृत्व में विशेष अनुसंधान दल का गठन किया गया था। जिसमें पुलिस निरीक्षक सह थानाध्यक्ष नंदकिशोर सिंह एवं पुलिस निरीक्षक सदर अंचल गौतम कुमार शामिल थे। अनुसंधान के दल के त्वरित कार्रवाई करते हुए सीआईएटी के 3 जवान संदीप कुमार, अमित कुमार एवं सुनील कुमार पासवान को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया। वहीं अनुसंधान दल के त्वरित कार्रवाई के कारण प्राथमिकी अभियुक्त सद्दाम इदरिसी उर्फ गेन्डा ने न्यायालय में समर्पण कर दिया। एसपी ने बताया कि मृतक के शव का पोस्टमार्टम सदर अस्पताल में दंडाधिकारी की मौजूदगी में कराया गया था पूरे पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी कराई गई थी। वेसरा को जांच के लिए रखा गया है। जिसे पटना भेजा जा रहा है। पोस्टमार्टम के प्रारम्भिक रिपोर्ट में मृतक के शव पर चोट के निशान मिले हैं। तीनों ने जवानो ने मारपीट में अपनी संलिप्तता स्वीकारी है। कुक को रिमांड पर लेकर पूछताछ किया जाएगा। 10-15 दिनों के अंदर वेसरा रिपोर्ट मंगा लिया जाएगा। इससे और स्थिति स्पष्ट होगी। एसपी ने बताया कि 28 मार्च की रात्रि 8:30 बजे तीनों जवान अपनी ड्यूटी समाप्त कर कुक के माध्यम से खाना बनवा रहे थे। इसी दरमियान बबलू सिंह वहां पहुंच गये। इस दौरान वहां मौजूद जवानों और कुक से उनकी नोकझोंक हुई थी। इसी दौरान मारपीट की गई। इसके बाद वे पैदल चलकर हॉस्पिटल पहुंचे थे। इस बात की जानकारी सीसीटीवी फुटेज एवं हॉस्पिटल में मौजूद जवानों द्वारा भी बताई गई अस्पताल में इलाज के दौरान परिजनों के नहीं आने से उन्हें रेफर नहीं किया जा सका। इसी दरमियान 29 मार्च को उनकी मौत हो गई। जिसके बाद मामला तूल पकड़ लिया। एसपी ने बताया कि परिजनों द्वारा तत्काल गिरफ्तारी की मांग की गई थी। लेकिन उन्हें न्याय का भरोसा दिया गया। परिजनों द्वारा पुलिस को 2 दिन का समय दिया गया। पुलिस ने साक्ष्य एवं आसपास के लोगों से बातचीत के आधार तीनों जवानों को गिरफ्तार किया।