पशु चिकित्सालय में दोपहर होते ही लटका मिलता है ताला

शशि कुमार सुमन

तरारी – तरारी प्रखंड स्थित पशुपालन केंद्र में आये दिन दोपहर में ही ताला लगा परिचारी हो जाते ह्रै फरार. वहीं पदस्थापित प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी कभी कभार ही नजर आते हैं. इससे पशुपालकों को मवेशियों का इलाज निजी चिकित्सकों से कराना पड़ता है. कुरमुरी गांव निवासी भाजयुमो अध्यक्ष निरंजन सिंह ने कहा कि तरारी के मवेशी डॉक्टर और कर्मचारी से मुलाकात होना ईश्वर को प्राप्त करने योग्य होता है और साथ ही पशुओं के लिए आम दवा भी नहीं मिल पाता है ।वही टीकाकरण के नाम पर केवल सरकारी रजिस्ट्रर में खानापुर्ती की जाती है ।पशुपालक. कुरमुरी निवासी छोटे सिंह ने कहा कि पशुओं को टीकाकरण कार्यक्रम के तहत कही भी किसी पंचायत में टिकाकरण नही दिख रहा है ।और सरकार द्वारा चालाई जा रही टिकाकरण अभियान पूरी तरह फेल ह्रै,साथ ही पशुपालक ने सरकार के ऊपर आरोप लगाते हुए कहा कि तरारी प्रखंड के पशुपालन विभाग सिर्फ कागज के पन्नो में सिमट कर ही रह गया है धरातल पर कहीं नहीं दिख रहा है. वही वहाँ मौजूद पशुपालको में अंकित कुमार, सुनील कुमार, कुमार बादल, अजीत पांडेय ने कर्मियों के विरुद्ध रोष जताया है. ।वही पशुपालन पदाधिकारी डा० आन्न्द प्रकाश से इस मामलें दूरभाष पर जानकारी लेनी चाहि तो डा० आन्न्द प्रकाश का स्पष्ट कहना है कि हम किसी अतरकार पत्रकार को नही जानते ,सोमवार को ऑफीस में आकर मिलिए ,इसके बाद जानकारी दि जायेगी।

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