प्रयागराज विकासखण्ड शंकरगढ़ के ग्राम पंचायत कल्याणपुर के मजरा गोबरा हेवार में बह रहे नाले से लोग परेशान

जनपद प्रयागराज के विकासखण्ड शंकरगढ़ के ग्राम पंचायत कल्याणपुर के मजरा गोबरा हेवार के 1702 मतदाताओं को एक नदी की शक्ल में बह रहे नाले ने बड़ी समस्या उत्पन्न कर दी है हालांकि ग्रामीणों ने इस चुनौती से निपटने के लिए लकड़ी एवं विजली के पोल की मदद से इस नदी की शक्ल के नाले के ऊपर आने जाने के लिए पुल का निर्माण किया है लेकिन सन्तुलन बिगड़ने से बालक और वृद्ध तथा महिलाएं कभी कभी गिरकर चुटहिल तक हो जाते हैं लेकिन मजबूरी ही ऐसी है कि प्रतिदिन कई बार उन्हें इस पुल से निकलना ही पड़ता है ग्रामीण बताते हैं कि कई बार माँग करने के बाद भी इस नाले में पुल की बात ही छोड़िए एक पुल नुमा रपटा तक नहीं स्वीकृत हो सका है जिससे इस गांव के लोग परेशान हैं और सरकार की तमाम जनकल्याणकारी योजनाओं के जनहित में संचालित होने के दावे सुनकर यहां के ग्रामीण हतप्रभ भी हैं।

गाँव के सतीश चंद्र मिश्र प्रेम सागर मिश्रा चन्द्र शेखर शीतला मिश्र केशव प्रसाद रामजतन रैदास रामखेलावन रामनिवास आदि ग्रामीणों ने बताया कि यह नाला लगभग 30 वर्षों से अनवरत प्रवाहित हो रहा है जो टकटकी से संचालित हो शिवराजपुर कयारी बगुलिया से होते हुए यह आता है लेकिन गोबरा गाँव से लगभग आधे किमी दूर जिन्नाघाट के झरने से जहां मान्यता है कि यहां पाताल लोक से पानी निकलता है तो इस घाट से मिलकर यह नाला नदी की शक्ल अख्तियार कर लेता है और कल्याणपुर से होते हुए टमस नदी में विलीन हो जाता है
यह वर्ष के बारह महीने उसी तरह से प्रवाहित होता रहता है बरसात में इसमें भीषण बाढ़ भी आ जाती है।

ग्रामीण बताते हैं कि इस नदी के उस पार ही किसानों की लगभग 500 बीघे खेती की जमीन है जिसके कारण ग्रामीणों को इस पार से उस पार नित्य प्रति जाना नियति बन गया है गाँव के प्रेम सागर मिश्रा ने बताया कि कुछ किसान पम्पिंगसेट की मदद से इधर कुछ सालों से इस नदी के पानी से अब सिंचाई भी शुरू कर दिया है लेकिन इस नदी के पानी का पीने के प्रयोग से लोग अभी कतराते हैं।

सतीश चंद्र मिश्र कहते हैं कि इस नदी में आने जाने के लिए एक रपटे नुमा पुल की अत्यंत उपयोगिता है लेकिन कब पूरी होगी कहना मुश्किल है
इस दौरान राममिलन ग्राम प्रधान कल्याणपुर ने बताया कि इस नदी में एक दो नहीं कम से कम बीच बीच में कई पुल की नितांत आवश्यकता है लेकिन कई बार माँग की गई है लेकिन कोई एक ही पुल के लिए नहीं सुनते हैं एक बार व्यक्तिगत पहल करते हुए पत्थर गिरवाया गया लेकिन उच्चाधिकारियों ने जल्द भुगतान नहीं होने की समस्या बताई तो काम बंद करा दिया
जबकि गाँव के किसानों की जमीन उस पार होने से लोगों को बहुत ही ज्यादा परेशानी होती है लेकिन मैं क्या कर सकता हूँ
उधर इस संदर्भ में दीपेश सिंह ग्राम विकास अधिकारी कल्याणपुर से दूरभाष पर बात करने का प्रयास किया गया लेकिन उनका मोबाइल नहीं रिसीब हुआ
उधर खण्ड विकास अधिकारी शंकरगढ़ से सम्पर्क स्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है

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