यमुना नदी का जलस्तर जिस तरीके से बढ़ता दिखाई दे रहा है चारों तरफ उसमें कोई कहने की बात नहीं है, कि हल्की सी लापरवाही भी जानलेवा साबित हो सकती है।
लेकिन यमुना जी के कई घाटों पर, जिस तरह से छोटे-छोटे बच्चे एवं ना तैरने वाले व्यक्ति शौक के लिए नहाने जाते हैं वो भी घर से बिना बताएं, यदि कोई दुर्घटना घटती है तो कौन होगा जिम्मेदार होगा।
ऐसे मे शासन-प्रशासन को इस मामले में संज्ञान लेने की जरूरत है, कि जो नौनिहाल या बच्चे बढ़ते हुए पानी मे अपनी जान जोखिम में डालकर नहाने और मस्ती करने आते हैं क्या उनके घरवालों को जानकारी है या नही और एक सीमा तय करनी चहिये कि निश्चित सीमा के आगे कोई भी स्नान करने या तैरने के लिए नही जाएगा।
हमारे गुड मॉर्निंग भारत संवाददाता अमर सिंह निषाद ने घाट पर पहुंच कर कई नौनिहालों से और बच्चों से बात किया तो पता चला कि कई बच्चे तो घर पर बिना बताए हुए ही नहाने चले आते हैं। ऐसे में उनके साथ कोई दुर्घटना होती है तो कौन जिम्मेदार होगा। घर वालों को भी इस पर ध्यान देना चाहिए कि उनके बच्चे कहां जा रहे हैं।
गुड मॉर्निंग भारत संवाददाता अमर सिंह निषाद की रिपोर्ट