संतरा एक स्वास्थ्यवर्धक फल है। इसमें प्रचुर मात्रा में विटामिन सी होता है। लोहा और पोटेशियम में काफी होता है। संतरे की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें विद्यमान फ्रुक्टोज,डेक्सट्रोज, खनिज एवं विटामिन शरीर में पहुंचते ही ऊर्जा देना प्रारंभ कर देते हैं। संतरे के सेवन से शरीर स्वस्थ रहता है, त्वचा में निखार आता है तथा सौंदर्य में वृद्धि होती है। प्रस्तुत है इसके कुछ प्रयोग–
संतरे का एक गिलास रस तन–मन को शीतलता प्रदान कर थकान एवं तनाव दूर करता है, हृदय तथा मस्तिष्क को नई शक्ति व ताज़गी से भर देता है।
- पेचिस की शिकायत होने पर संतरे के रस में बकरी का दूध मिलाकर लेने से काफी फायदा मिलता है।
- संतरे का नियमित सेवन करने से बवासीर की बीमारी में लाभ मिलता है। रक्तश्राव को रोकने की इसमें अद्भुत क्षमता है।
- तेज बुखार में संतरे के रस का सेवन करने से तापमान कम हो जाता है। इसमें उपस्थित साइट्रिक अम्ल मूत्र रोगों और गुर्दा रोगों को दूर करता है।
- दिल के मरीज को संतरे का रस शहद देने से आश्चर्यजनक लाभ मिलता है।
- संतरा की सेवन से दांतों और मसूड़ों के रोग भी दूर होते हैं।
- छोटे बच्चों के लिए तो संतरे का रस अमृततुल्य है उन्हें स्वस्थ व हृष्ट–पुष्ट बनाने के लिए दूध में चौथाई भाग मिलाकर पिलाने से यह एक आदर्श टॉनिक का काम करता है।
- जब बच्चों के दांत निकलते हैं, तब उन्हें उल्टी होती है और हरे –पीले दस्त होते हैं। उसे समय संतरे का रस देने से उनकी बेचैनी दूर होती है तथा पाचन शक्ति भी बढ़ जाती है।
- पेट में गैस, अपच ,जोड़ों का दर्द, उच्च रक्तचाप, गठिया, बेरी–बेरी रोग में भी संतरे का सेवन बहुत कुछ लाभकारी होता है।