मध्यप्रदेश : चाकघाट सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की लचर व्यवस्थाओं पर किसे दिया जाएं श्रेय, इमरजेंसी सेवाएं भगवान भरोसे

चाकघाट बॉर्डर में संचालित शासकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र दिन-प्रतिदिन अव्यवस्थाओं से घिरता जा रहा है। इसे मजबूत एवं विकसित करने हेतु जिले में बैठे स्वास्थ्य अधिकारियों की जमकर लापरवाही चल रही है। जबकि यह हाईवे से लगा हुआ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र है और दो राज्यों के सीमाओं को टच करता है।

हर गरीब व मध्यम वर्गों के लिए शासकीय अस्पतालों में बेहतर सुविधाएं सिर्फ कागजों में अथवा चुनावी सभाओं के दावों तक सीमित है। जमीनी हकीकत को देखा जाए तो धरती आसमान जितना फर्क है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आए दिन उपचार में लापरवाहियां उजागर होती रहती है।इसके बावजूद भी अधिकारी एक्टिव नहीं हो रहे और व्यवस्थाएं पटरी से बाहर बनी हुई है।

यहां एक्सीडेंटल इमरजेंसी सेवाएं भगवान भरोसे चल रहा है। दस-बीस किलोमीटर के एरिया से पहुंचे लोग उस समय अव्यवस्थाओं को कोसने लगते हैं जब मरीज के साथ खानापूर्ति अथवा रेफर कर जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ लिया जाता है। कई बार मरीज उपचार हेतु घंटों डॉक्टरों का इंतजार ही करते रहते है व उपचार के अभाव में मरीजों के दम तोड़ने का आरोप भी लगा है।

मिली जानकारी के अनुसार इन दिनों समुदाय स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर हरी सिंह को प्रभारी बनाएं जाने के साथ-साथ 24 घंटे चिकित्सीय सेवाएं उपलब्ध करवाने हेतु जिम्मेदारी मिली है। इसके अतिरिक्त डॉक्टर प्रवीण पटेल जो आयुष चिकित्सक है व ओपीडी के दौरान आयुर्वेद चिकित्सीय सेवाएं दे रही हैं।

सबसे बड़ा सवाल यह है कि आधा सैकड़ा ग्रामों का भार संभालने वाला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चाकघाट में क्या 24 घंटे एक चिकित्सक के भरोसे सेवाएं संभव है। अधिकतर मामलों में देखा गया है नर्स ड्रेसर इत्यादि ही प्राथमिक उपचार कर मरीज को प्राइवेट अस्पताल का रास्ता अथवा उच्च अस्पतालों के लिए रेफर कर दिया जाता है।

चर्चा है कि सिविल अस्पताल त्योंथर में एक दर्जन के करीब चिकित्सक मौजूद है अगर चाकघाट में कुछ चिकित्सकों का स्थानांतरण कर दिया जाए तो व्यवस्थाओं में सुधार हो सकता है। समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जांच, दवाईयां उपलब्ध करवाना, मरीजों के लिए उपचार को लेकर उचित व्यवस्था बनाना कई चुनौतियां चीख- चीख कर जिम्मेदारों से सवाल कर रहीं है।

नगरवासियों का कहना है कि वर्षों बाद भी इसके प्रगति पर जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों ने पूर्ण रूप से अनदेखी की है। कहां कि समय के साथ इसकी हर आवश्यकताओं की पूर्ति कर जनता जनार्दन को अच्छी सुविधा मिले इस पर पहल होनी चाहिए।

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