बारह खंबे, चार दिवारें
एक आँगन वाला घर
आँखों मे तिरता हैं,
बरसते सावन वाला घर………..
छन्नी, छाजन
ओसारा, दलानी
ओरियानी से चूता पानी
और आँगन से दिखते
काले बादल वाला घर
आँखों में तिरता हैं
बरसते सावन वाला घर………………..
आला, ताखा
मूसल,जाता
साँझ ढले, दीपक जल जाता
दीपक की बाती को बुझाते
आँचल वाला घर
आँखों में तिरता हैं
बरसते सावन वाला घर……………………
आँगन लीपा
चौका पूरा
चौके पर सजी
दिया की पातीं
गिन गिन के रखती थी आजी
एक -एक दिया मे
दो-दो बाती
कोरे दिये देवता को जलेंगे
बाकी दुअरा, दलानी सजेगे
जलते दिये रखी माटी की घंटी
और घंटी पर परते
काजल वाला घर
आँखों मे तिरता हैं
बरसते सावन वाला घर……………………..
तुलसी का चौरा
महावीर का स्थान
जौ की बाली
गुड़ घी का नेवान
रसियाव, खीर,
पूड़ी पकवान
कथा-पूजा
हवन ध्यान
हवन के धुएं मे
पवित्र पावन वाला घर
आँखों में तिरता हैं
बरसते सावन वाला घर………………………….
कच्चे आम का खट्टा अचार
छूना नहीं,माँ की फटकार
पापड़, बड़ी
नन्ही-नन्ही धमाचौकड़ी
इमली का चिया
कंचा कौड़ी
छुपन छुपाई
भागा-दौड़ी
और भागते पावों मे
छनकती पायल वाला घर
आँखों मे तिरता हैं
बरसते सावन वाला घर………………….
बांदा
राइटर गरिमा श्रीवास्तव