प्रयागराज : नैनी, सेंट्रल जेल में बंदी ने पेड़ के तने पर उकेरी औरत की आकृति

मेजा के कोहराड़ का रहने वाला साठ वर्षीय रामधनी करीब छह माह पूर्व सेंट्रल जेल में हत्या के केस में दाखिल हुआ था। पहले वह पत्थर से मूर्ति बनाने का काम किया करता था। अपने इसी लगाव से उसने जेल प्रशासन से मूर्ति बनाने की अनुमति मांगी। संवेदनशील चीजों के उपयोग के कारण पहले तो प्रशासन इस अनुमति को देने में संकोच कर रहा था।

रामधनी ने पेड़ के टुकड़े पर छेनी और हथौड़ी से अपनी कल्पना को आकार देना शुरू किया तो वहां मौजूद लोग समझ नही पाए। लेकिन जब कल्पना ने आकर रूप लिया तो सभी उसकी प्रतिभा की प्रशंसा करने लगे। रामधनी को इस आकृति को ढालने में मात्र एक हफ्ते का समय लगा है। रामधनी ने अपनी मेहनत और लगन से पेड़ के तने पर दो आकृतियों को आकार दिया। फिर उसे अपनी कल्पना के रंगों में भर कर आकर्षक रूप भी दे दिया।

एक आकृति में औरत का एक हाथ सर पर मिट्टी का बर्तन पकड़े हुए हैं और दूसरा हाथ कमर पर मिट्टी का बर्तन लिए हुए है। जबकि दूसरी आकृति में वह स्वागत मुद्रा में दिखाई दे रही है। इस संबंध में सेंट्रल जेल के वरिष्ठ अधीक्षक शशिकांत सिंह ने बताया कि जब पेड़ के तने को तराश कर उसने औरत का रूप दे दिया। तो सभी ने उसकी प्रशंसा की। उन्होंने आगे बताया कि रामधारी कक्षा 9 फेल है और उसने पहली बार पेड़ पर कोई आकृति बनाई है।

गुड मॉर्निंग भारत संवाददाता देवा श्रीवास्तव की रिपोर्ट।

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