इसे व्यवस्था की खामी कहिए या फिर प्रशासनिक दमखम का अभाव कि पिछले कई साल में एक भी सरकारी तालाब पर से अतिक्रमण नही हट पाया है। ऐसा नही कि प्रशासनिक पहल नही की गई, बता दे की कोरांव तहसील क्षेत्र के बड़ोखर गांव मे कार्रवाही के नाम हल्का लेखपाल द्वारा धारा 67 बेदखली की कार्रवाही करके अपनी रिपोर्ट गांव के कुछ अतिचारियों के विरुद्ध तहसीलदार के पास भेजकर खाना पूर्ति कर दिया गया हैं जबकि राजश्व अभिलेखों मे 58 तालाब बड़ोखर मे दर्ज हैं।

अधिकांश तालाबों पर अरसा पूर्व से लोगो ने कब्जा कर रखा हैं कई तालाबों का आकार भी लोगो ने मिट्टी खोद खोद कर कच्चा पक्का मकान बनाकर अस्तित्व भी खत्म कर दिया हैं कई बार शिकायत भी लोगो ने किया लेकिन आज तक अवैध कब्जा खाली नहीं कराया गया जबकि सुप्रीम कोर्ट का सख्त आदेश हैं कि सरकारी जमीन पर यदि किसी ने कब्जा कर रखा हैं।

उसे खाली कराया जाय लेकिन सारे आदेश कागज तक ही सिमित हैं धरातल पर देखने को कुछ नहीं जब इस संदर्भ मे उपजिलाधिकारी कोरांव से संपर्क किया लेकिन फोन रिसीव नहीं हुआ तहसीलदार ने भी फोन काट दिया फोटो बड़ोखर के तालाब पर अवैध कब्जा।