सुल्तानपुर: राहुल गांधी को राहत, गृहमंत्री अमित शाह पर आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में राहुल गांधी की ज़मानत मंज़ूर

कांग्रेस नेता राहुल गांधी मंगलवार को गृहमंत्री अमित शाह पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट ने उनकी जमानत मंजूर कर ली। भारत जोड़ो न्याय यात्रा को लेकर सोमवार को अमेठी में दाखिल हुए थे।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में मंगलवार को एमपीएमएलए कोर्ट में पेश हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी को कोर्ट ने राहत दे दी है।

कोर्ट ने उनकी जमानत मंजूर कर ली है। सोमवार को उनके अधिवक्ता की ओर से आत्मसमर्पण व जमानत अर्जी कोर्ट में दाखिल की गई। राहुल गांधी अमहट हवाई पट्टी पर हेलीकॉप्टर से उतरने के बाद सड़क मार्ग से सुबह 10:20 बजे कोर्ट पहुंचे। कोतवाली देहात थाने के हनुमानगंज निवासी जिला सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष विजय मिश्र ने चार अगस्त 2018 को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ कोर्ट में परिवाद दायर किया था।

विजय मिश्र का आरोप है कि 15 जुलाई 2018 को कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इससे उनकी भावनाएं आहत हुई थीं।

परिवादी के अधिवक्ता संतोष पांडेय ने बताया कि कोर्ट ने परिवादी व अन्य गवाहों का बयान दर्ज करने के बाद 27 नवंबर 2023 को राहुल गांधी को तलब करने का आदेश दिया था। सोमवार को राहुल गांधी के अधिवक्ता केपी शुक्ल ने आत्मसमर्पण व जमानत अर्जी के साथ ही मौका अर्जी देकर कहा कि भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल होने के कारण राहुल गांधी कोर्ट में हाजिर नहीं हो सकते हैं।

उन्होंने मामले में मंगलवार को सुनवाई करने का अनुरोध किया। एमपी-एमएलए की विशेष कोर्ट के मजिस्ट्रेट योगेश कुमार यादव ने जमानत अर्जी पर सुनवाई के लिए मंगलवार की तिथि नियत की थी।

राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान यूपी में सियासी माहौल बनाने की कोशिश

राहुल गांधी अपनी भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान इस समय यूपी में हैं। उनके मुद्दे शहर दर शहर बदल रहे हैं। धर्म, अर्थ और सामाजिक समीकरण से सियासी माहौल बनाने की कोशिश की जा रही है।कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी सामाजिक न्याय यात्रा के जरिये यूपी में कांग्रेस की बंजर जमीन को उपजाऊ बनाने की कोशिश में हैं।

वह काशी में धर्म की बात करते हैं तो प्रयागराज में आर्थिक विकास की। अमेठी पहुंचने पर उनका फोकस सामाजिक न्याय हो जाता है। वह भीड़ को भागीदारी का सपना दिखाकर अपना बनाने की कोशिश करते हैं। अब उनकी आगे की यात्रा भी सामाजिक न्याय और जातीय जनगणना पर केंद्रित रहने की उम्मीद है।

यूपी में राहुल गांधी की बहुरंगी यात्रा

राहुल गांधी वाराणसी में राम को याद करते हैं, खुद को शिवभक्त बताते हैं। शिव मंदिर में तस्वीर न लेने की बात बार-बार दोहराते हैं। राम मंदिर के उद्घाटन के बहाने भाजपा को घेरते हैं और राष्ट्रपति को नहीं बुलाने के बहाने दलितों के प्रति भेदभाव का मुद्दा उठाते हैं।

प्रयागराज में किसानों के बकाया, कर्जमाफी का जिक्र करते हुए भगोड़े उद्योगपतियों की याद दिलाते हैं। सोमवार को प्रतापगढ़ और अमेठी में वह पूरी तरह सामाजिक न्याय की बात करने लगते हैं। समर्थन में जुटी भीड़ को भरोसा दिलाते हैं कि पिछड़ों और दलितों को उनकी हिस्सेदारी के आधार पर नौकरी से लेकर हर जगह भागीदारी दी जाएगी। सियासी जानकारों का कहना है कि यह अनायास नहीं है।

राहुल सोची समझी रणनीति के तहत भीड़ का मिजाज देकर अपनी बात रख रहे हैं। धर्म, अर्थ और सामाजिक न्याय के कॉकटेल के जरिये सियासी पकड़ बनाने की कोशिश में जुटे हैं।

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