पावर आफ अटार्नी के माध्यम से स्टैंप चोरी मामला,एस आई टी जांच रिपोर्ट देने व ऐक्शन लेने के आदेश की अवहेलना का आरोप।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डॉ० रोशन जैकब प्रमुख सचिव पंजीकरण एवं स्टैंप उ०प्र०,अजय कुमार मिश्र पुलिस कमिश्नर गाजियाबाद व श्रीमती लक्ष्मी सिंह पुलिस कमिश्नर गौतमबुद्धनगर के खिलाफ दाखिल अवमानना याचिका पर प्रदेश सरकार के मुख्य स्थाई अधिवक्ता डॉ० राजेश्वर त्रिपाठी से एक माह में जानकारी प्राप्त करने का आदेश दिया है और याचिका को सुनवाई हेतु 8जुलाई को पेश करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने याची अधिवक्ता से 48 घंटे में याचिका की प्रति CSC को देने को कहा है ताकि वह जानकारी मंगा सके।

यह आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने सोसायटी फार वायस आफ ह्यूमन राइट्स एण्ड जस्टिस के अध्यक्ष राजकुमार कौशिक के मार्फत दाखिल अवमानना याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है।
याचिका पर अधिवक्ता अभिषेक यादव, अखिलेश यादव व आर एन यादव ने बहस की। इनका कहना है कि जनहित याचिका में सामान्य पावर आफ अटार्नी पंजीकृत करवाकर राज्य व राज्य से बाहर की जमीनों का धड़ल्ले से बैनामा किया जा रहा है। सरकार को राजस्व की हानि हो रही है। ऐसा स्टैंप शुल्क बचाने के लिए किया जा रहा है। गाजियाबाद व गौतमबुद्धनगर में व्यापक पैमाने पर पावर आफ अटार्नी का पंजीकरण किया गया है। संदिग्ध व बोगस बैनामे किए जा रहे हैं। सरकार ने पावर आफ अटार्नी पंजीकरण पर रोक लगा दी है तथा जांच के लिए एस आई टी गठित की है।


जब कोर्ट ने जनहित याचिका पर सरकार से जवाब मांगा तो बताया गया कि प्रदेश में कुल 92,520 पावर आफ अटार्नी पंजीकृत हैं जिनमें से 53013 गाजियाबाद व 10374 गौतमबुद्धनगर में ही पंजीकृत हैं। प्रदेश के बाहर की जमीनें बेची जा रही है।

सरकार ने कहा कि वह पंजीकरण पर रोक हटा देंगे और ऐक्शन लेंगे।जिस पर कोर्ट ने सरकारी ऐक्शन पर हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया था, किन्तु कहा जब सरकार स्वयं ऐक्शन लेने जा रही है तो एस आई टी चार माह में अपनी रिपोर्ट पेश करें और रिपोर्ट के अनुसार ऐक्शन लिया जाय। आदेश की प्रति अधिकारियों को दी गई किंतु अभी तक एस आई टी रिपोर्ट नहीं आई और कोई ऐक्शन नहीं लिया गया है। जो कोर्ट की अवमानना है। जिस पर यह अवमानना याचिका दायर की गई है।

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