इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रिश्वत लेने के आरोप में बर्खास्तगी रद्द करते हुए दरोगा को बहाल करने का निर्देश दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति सलिल कुमार राय ने वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम एवं अतिप्रिया गौतम को सुनकर पारित किया। गुलाब सिंह पुलिस स्टेशन ईकोटेक, ग्रेटर नोएडा जनपद गौतमबुद्धनगर में उपनिरीक्षक के पद पर कार्यरत था। उस पर यह आरोप था कि उसके द्वारा मु०अ०सं० 22/2019 धारा 380 आई०पी०सी० की विवेचना की जा रही थी एवं विवेचना के दौरान प्रकाश में आये अभियुक्त राजीव सरदाना से 27 जनवरी 2023 को सार्वजनिक रूप से खुले स्थान पर 4 लाख रूपए की रिश्वत लेते हुये उसे गिरफ्तार किया गया।
उपनिरीक्षक गुलाब सिंह के विरूद्ध थाना सूरजपुर जनपद गौतमबुद्धनगर में मु0अ0सं0 48/2023 धारा 7 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत एफआईआर दर्ज कराया गया।और 27 जनवरी 2023 को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।
इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत होने के बाद वह 12 मार्च 2024 को जेल से रिहा हुआ। कोर्ट ने कहा नियमित विभागीय कार्यवाही के वगैर पुलिस अधिकारियों को बर्खास्त करना गलत है।
याची के वरिष्ठ अधिवक्ता गौतम का कहना था कि बगैर विभागीय कार्यवाही किये हुए एवं बगैर नोटिस तथा सुनवाई का अवसर प्रदान किए याची को सेवा से पदच्युत किया गया है, जो कि सर्वोच्च न्यायालय एवं इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा प्रतिपादित किये गये विधि की व्यवस्था के विरूद्ध है।
हाईकोर्ट ने बर्खास्तगी आदेश को निरस्त करते हुए याची को समस्त सेवा लाभ देने के साथ बहाल करने का आदेश पारित किया है।