43 वर्ष पूर्व हुई हत्या में उम्रकैद की सजा ।

बरकरार,आरोपी को अदालत में समर्पण कर सजा भुगतने का निर्देश इलाहाबाद हाईकोर्ट ने देवरिया के तरिया सुजान थाना अन्तर्गत 43 वर्ष पूर्व स्कूली विवाद में हुई हत्या के आरोपी को ट्रायल कोर्ट द्वारा सुनाई गई उम्रकैद की सजा बरकरार रखा है।

कोर्ट ने कहा कि आरोपी/अपीलकर्ता के खिलाफ अभियोजन पक्ष संदेह से परे अपराध साबित करने में सफल रहा है। कोर्ट ने जमानत पर छूटे आरोपियों को सजा भुगतने के लिए अदालत में समर्पण करने का निर्देश दिया है।
एक आरोपी महेंद्र राय की मौत होने के कारण अपील समाप्त कर दी गई है। यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव गुप्ता तथा न्यायमूर्ति शिवशंकर प्रसाद की खंडपीठ ने राज्य सरकार की अपील पर दिया है। कोर्ट ने अन्य आरोपी हरिशंकर राय की अपील खारिज कर दी है।और सजा पूरी करने का निर्देश दिया है।

शिवजी ने 13 दिसंबर 1979 को थाना तरिया सुजान में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई थी। हरिशंकर राय और महेंद्र राय पर अपने भाई कृष्णा राय की हत्या का आरोप लगाया था।

रिपोर्ट के मुताबिक कृष्ण कुमार लोक मान्य इंटर कॉलेज में पढ़ता था। आरोपी हरि शंकर राय उर्फ छोटे भी उसी स्कूल में पढ़ता था। उसके भाई कृष्ण कुमार और आरोपी हरिशंकर राय उर्फ छोटे के बीच कुछ दिन पहले किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ था। झगड़े के कारण 13 दिसम्बर 1979 को भाई कृष्ण कुमार जब चाय पीने जा रहा था तो दोनों आरोपियों ने मिलकर चाकू से हमला कर दिया। वह घायल होकर गिर गया। उसे उपचार के लिए सरकारी अस्पताल ले जाया गया। जहां, उसकी मौत हो गई। ट्रायल कोर्ट ने आरोपी महेंद्र को 304 का दोषी बताते हुए चार साल की सजा सुनाई जबकि हरिशंकर राय को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। हरिशंकर राय ने सजा के खिलाफ ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनौती दी।

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