इलाहाबाद हाईकोर्ट ने षड्यंत्र व जानलेवा हमले में आरोपी महिला अधिवक्ता हेमलता की सशर्त जमानत मंजूर कर ली है और व्यक्तिगत मुचलके व दो प्रतिभूति लेकर रिहा करने का आदेश दिया है। याची 3 अप्रैल 2024 से जल में बंद हैं। यह आदेश न्यायमूर्ति कृष्ण पहल ने दिया है। अर्जी पर वरिष्ठ अधिवक्ता डी एस मिश्र, अभिषेक मिश्र व चंद्र केश मिश्र ने बहस की।
इनका कहना था कि आगरा के हरि पर्वत थाना क्षेत्र में शिकायतकर्ता के पिता पर फायरिंग की गई। एफआईआर में याची नामित नहीं थी। फायरिंग करने के आरोपी दो सह अभियुक्तों के कबूलनामें पर याची को झूठा फंसाया गया है।सह अभियुक्तों के पुलिस को बयान को साक्ष्य के तौर पर ट्रायल में पेश नहीं किया जा सकता।वे पहले से जमानत पर हैं। शिकायतकर्ता व याची की मुकद्दमेबाजी के कारण पहले से दुश्मनी है।उसने कई केस दर्ज करायें है।जो जमानती है।
वरिष्ठ अधिवक्ता का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यदि जमानत देने लायक केस है तो कई केस दर्ज होने के आधार पर जमानत देने से इंकार नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने याची की जमानत पर रिहाई का आदेश दिया है।