पार्किंग को लेकर पी डी ए को पड़ी फटकार, उपाध्यक्ष 11 को प्रस्तुत हो

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सिविल लाइंस प्रयागराज की पार्किंग व्यवस्था को लेकर कायम जनहित याचिका पर पी डी ए के अधिकारियों के रवैए को लेकर गंभीर टिप्पणी की है और कहा है कि ऐसा प्रतीत होता है कि पी डी ए अधिकारियों की या तो इसमें रूचि नहीं है या उन लोगों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं जिनके खिलाफ याचिका में राहत मांगी गई है।ऐसे आचरण की सराहना नहीं की जा सकती।

कोर्ट ने पी डी ए उपाध्यक्ष को 11 जुलाई को हाजिर होने का निर्देश दिया है।

यह आदेश मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली तथा न्यायमूर्ति विकास बुधवार की खंडपीठ ने सिविल लाइंस की पार्किंग समस्या को लेकर स्वत:कायम जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है।

इससे पहले कोर्ट ने उपाध्यक्ष को कालोनी के दो निवासियों के साथ मौका मुआयना कर व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था।पी डी ए अधिवक्ता आनंद पाल का कहना था कि पिछली तारीख को काजलिस्ट में उनका नाम नहीं छपने के कारण आदेश की जानकारी नहीं हो सकी। जिसके कारण आदेश का पालन नहीं हो सका। न्यायमित्र अपुल मिश्र ने अतिक्रमण का नक्शा सहित साइट प्लान दाखिल किया जिसे पी डी ए अधिकारियों के साथ मौके पर जाकर तैयार किया गया था।जिसपर कोर्ट ने अगली तिथि पर उपाध्यक्ष को तलब कर लिया है।

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