फाग महोत्सव’ में आम जनों के साथ एक मंच पर इकट्ठे हुए साहित्यकार , रंगकर्मी, गायक, चित्रकार और पत्रकार

आरा – स्थानीय जेपी मुक्ताकाश मंच पर नाट्य संस्था भूमिका द्वारा साहित्यिक-सांस्कृतिक होली मिलन समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम चार चरणों में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत मूर्ख-सम्मेलन एवं हास्य व्यंग्य की रचनाओं के पाठ के साथ हुई। कार्यक्रम का संचालन करते हुए चर्चित युवा कवि वल्लभ ने आयोजन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि होली दरअसल उत्सव है। यह दो ऋतुओं के मिलन के अलावा साल का आखिरी महीना भी होता है।

होली के बहाने गुजर रहे वर्ष के गीले-शिकवों को हम कैथार्सिस के माध्यम से बाहर फेंकते हैं ताकि आने वाले नए वर्ष में हमारा चित्त शुद्ध रहे। उत्सव एक अलग ही आयाम होता है जिसको मनाते हुए हमारा मन खण्ड खण्ड नहीं होता बल्कि हम संपूर्णता से उपस्थित होते हैं। बदलते समय में अपनी परंपराओं को बचाए रखना भी हमारी जिम्मेवारी है। इस दौरान पटना से आये कवि पावन ने ‘रंग अब होता नहीं चटकार वैसा’ , ‘वसनो की चिंता नहीं करो’ एवं आत्मसंधान-सा गुल खिलाओ कभी , कवि जनार्दन मिश्र ने होली है भाई होली एवं रंग बरसे मन तरसे , युवा कवि सावन ने ‘ उड़े अबीर गुलाल’ एवं ‘मेरा प्यार’ कवि अरुण शीतांश ने मगही कविता तू जिनगी के फाग हे , कवि राकेश कुमार सुमन ने जाओ जाओ री पवन कवि सिद्धनाथ सागर ने बांध से गुजरते हुए , कवि देवेंद्र यादव ने होली के दिन आइल हो और कवि संतोष श्रेयांस ने ‘तुम कहाँ हो’ कविता का पाठ किया।

इसके बाद शिवादी आर्ट एण्ड क्लासिक सेंटर के कलाकारों मीनाक्षी पांडेय, खुशी कुमारी, शालिनी भट्ट, संजना, सलोनी, मुस्कान, स्नेहा पांडेय व राशि ने गुरु आदित्या श्रीवास्तव के सानिध्य में धमार राग पर आधारित राधा कृष्ण के होली की कथक नृत्य के द्वारा प्रस्तुति दी। गुरु बक्सी विकास ने ठुमरी ‘खेलम नाहि होरी’, ‘रंग डारूँगी’, ‘खेले मसाने में होली’ एवं ‘ जे हम जानतीं’ इत्यादि की प्रस्तुति दी। तबले पर संगत सूरज कांत पांडेय एवं अमन पांडेय कर रहे थे। इसके बाद निमेश राज ने ‘श्याम पिया’ और अजीत पांडे ने ‘कन्हैया घरे चल रे गुईंया गीतों से समा बांध दिया। कार्यक्रम का समापन मनोज सिंह एवं अंजनी के पारंपरिक होली गायन से हुआ। धन्यवाद ज्ञापन भूमिका के वरिष्ठ रंगकर्मी श्रीधर शर्मा ने किया। इस अवसर पर साहित्यकार जीतेन्द्र कुमार , रामनिहाल गुंजन, सुमन सिंह , सुधीर सुमन,समाजसेवी एवं नाट्यकर्मी लोकेश कुमार दिवाकर, रवि शंकर सिंह, समाजसेवी सुशील कुमार, रंगकर्मी अशोक मानव , खुशबू स्पृहा, छात्र नेता अनिरुद्ध सिंह, चंदन पांडेय , जीवन प्रकाश, वेद प्रकाश सामवेदी सहित सैकड़ो दर्शक उपस्थित थे।

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