प्रधान शिक्षक बहाली मामले में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी से मिला शिक्षकों का प्रतिनिधिमंडल

शशि कुमार सुमन
पीरो
– बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा प्रधान शिक्षक बहाली के लिए जारी विज्ञप्ति में अनुभव संबंधी शर्तों को लेकर टेट एसटेट उतीर्ण नियोजित शिक्षक संघ का एक प्रतिनिधिमंडल सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी से मिला। टेट एसटेट उतीर्ण नियोजित शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष मार्कण्डेय पाठक निर्देश पर पर पूर्व निर्धारित कार्यक्रम ‘शिक्षक माननीय के द्वार’ के तहत संगठन के प्रवक्ता अश्विनी पांडेय एवं राज्य कार्यकारिणी सदस्य जयप्रकाश के नेतृत्व में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी से मिलने गए शिक्षक नेताओं
उनसे चालू विधानसभा सत्र के दौरान टेट एस्टेट शिक्षकों की हो रही हक मारी के खिलाफ विधानसभा में आवाज उठाने की मांग की l
शिक्षक नेताओं ने कहा कि प्रधान शिक्षक/प्रधानाध्यापक नियुक्ति मामले में बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा जारी विज्ञप्ति मे शिक्षा के अधिकार अधिनियम एवं राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद की प्रावधानों की धज्जियां उठाकर टेट स्टेट शिक्षकों की हक मारी का कुचक्र रचा गया है ।
विज्ञप्ति मे निम्नलिखित मांगों को रखा गया । शिक्षक नेताओं के अनुसार अप्रैल 2010 के बाद शिक्षक बनने के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा अनिवार्य है इस आधार पर प्रधान शिक्षक बहाली में भी शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण होना
अनिवार्य किया जाए । बिहार में 2013 में टेट शिक्षकों की बहाली हुई थी जिन्हें 2 साल के अंदर सरकारी स्तर पर प्रशिक्षित करने की बात कही गई थी परन्तु विभाग की शिथिलता की वजह से अधिकांश शिक्षकों का प्रशिक्षण 2019 में सम्पन्न हुआ
अतः प्रधान शिक्षक मामले मे अनुभव को गौण किया जाय । प्रधान शिक्षक मामले में अधिसूचना सुधार हेतु माननीय उच्च न्यायालय मे दायर याचिका सीडबलूजेसी16633/2022
में माननीय न्यायालय ने टेट एसटेट उतीर्ण शिक्षकों को परीक्षा में बैठने का अंतरिम आदेश दिया था जिसे लागू किया जाय । माध्यमिक शिक्षकों के मामले में भी अनुभव की बाध्यता समाप्त हो । प्रतिनिधि मंडल में महासचिव कुंदन सिंह ,तनवीर अली, सत्येंद्र यादव, संतोष कुमार, रंजीत कुमार, अशोक सिंह शशांक पांडेय बंशीधर कुशवाहा आदि शामिल थे।

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